The Author Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ फॉलो Current Read वो कौन थे? - 1 - मोबाइल नंबर By Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books तेरी मेरी यारी - 10 (10)मीडिया में करन के किडनैपिंग की खबर फैल जाने से किड... सामने वाले की पहचान आज के युग मैं जरूरी हैँ सामने वाले की पहचान उसकी भाषा मैं बो... नागेंद्र - भाग 7 गायत्री जी से हमें पता चलता है कि किस तरह से वर्धा ने उसकी प... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 75 अब आगे,अपने बड़े पोते राजवीर की बात सुन कर कि वो कुछ दिन बाद... मंजिले - भाग 2 ( मोक्ष ) " ------ आप को भगवान समझना... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 3 शेयर करे वो कौन थे? - 1 - मोबाइल नंबर (4) 2.7k 5.9k रविवार की सुबह, 9.00 बजे का वक़्त था रुबीना के मोबाइल की रिंग बजी, रुबीना ने कॉल उठाया सामने से किसी लड़के की आवाज थी, रुबीना को कुछ स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं दे रहा था उसमें कॉल कट कर दिया। फिर रुबीना नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठी, उसने ब्रेड पर बटर लगा के खाना शुरू किया, फिर से रिंग बजी, उसने कॉल उठाया सामने उसी नंबर पर से कॉल आया था, उसे अब स्पष्ट सुनाई दे रहा था, उस लड़के से बात करते हुए रुबीना को ये पता चला कि वो रोंग नंबर डायल कर रहा था। उस लड़के ने सॉरी बोला और कॉल कट कर दिया, रुबीना 28 साल की लड़की थी, वो अनंतगढ़ की रहने वाली थी, मुंबई मे आई टी कंपनी मे जॉब करती थी, वहा उसके चाचा का एक फ्लेट खाली पड़ा था तो वो वहां पर रहती थी। 1.5 साल पहले उसका डिवोर्स हो चुका उसके ससुराल वाले उसके साथ मार पीट करते थे, "दहेज नहीं लाई और बच्चे नहीं हो रहे हैं" एसे बहाने बनाकर उसे डिवोर्स करने पर मजबूर किया था, डिवोर्स के बाद उसने मुंबई आ कर जॉब जॉइन की थी, और सुकून भरी जिंदगी जी रही थी। थोड़ी देर बाद फिर से उसके मोबाइल की रिंग बजी, फिर से उसने फोन उठाया तो वोही शख्स बात कर रहा था, अब रुबीना को गुस्सा आ रहा था, रुबीना : तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है, क्यु फोन कर रहे हो बार बार?!!! लड़का : दरअसल मैं दूसरा नंबर डायल कर रहा हूं, मोबाईल का की- पेड़ खराब होने की वज़ह से आपको गलती से फोन लग रहा है, सॉरी!! रुबीना : अब फोन किया तो पुलिस में कम्पलेइन कर दूंगी!! लड़का : अरे प्लीज़, गलती हो गई उसमे आप पुलिस को बता देंगी??!! रुबीना ने फोन रख दिया, कुछ देर बाद उसे गिल्टी फिल हुई, क्युकी उसकी लाइफ अच्छी तो थी लेकिन वो अकेली पड़ चुकी थी, कम्पनी मे और फ्लेट मे उसका कोई खास दोस्त नहीं बने थे, उसकी कॉलेज की फ्रेंडस मे कुछ कि शादी हो चुकी थी, एक दो दोस्त मुंबई मे थी लेकिन बहुत दूर थी, कुछ दोस्त फॉरेन चले गए थे, शादी से पहले उसका अनुराग नाम का बॉय फ्रेंड था लेकिन शादी होने की वजह से अनुराग के साथ उसका रिश्ता टूट गया, उसके घरवाले भी गांव मे रहते थे, गांव भी बहुत कम जाती थी वो क्युकी कंपनी मे उसकी पोस्ट बहुत ऊंची थी, ज्यादा दिन छुट्टी पर नहीं रहा जा सकता था। उसे शादी करनी थी घरवालों ने उसे छूट दे रखी थी, लेकिन वो अब ध्यान से लड़के को पसंद करना चाहती थी, वो नहीं चाहती थी कि पहले की तरह फिर से उसके जीवन मे बुरे लोग आए। उसने अनुराग को कोन्टेकट करने की कोशिश की लेकिन नंबर तो क्या कुछ भी नहीं मिल पा रहा था उसे। रुबीना के फोन उठाया और उस नंबर पर सॉरी का मैसेज किया, सामने से कोई जबाव नहीं आया, उस दिन शाम को रुबीना को उसी नंबर पर से वोट्सेप मेसेज आया कि "Who are you? And what is your name?" रुबीना ने जवाब दिया "My self Rubina" फिर बातचीत आगे बढ़ी, उस दौरान पता चला कि उस लड़के का नाम अमित है और उसकी उम्र 27 साल है, वो मुंबई मे ही आई टी कम्पनी मे जॉब करता है। फिर वो दोनों चैट फ्रेंड बन चुके थे, हर दिन hi - hello के मैसेज होने शुरू हो गए, अमित अच्छा लड़का था और शायरी अच्छी किया कर्ता था, रुबीना को धीरे धीरे अमित पसंद आने लगा, वो बहुत ही सुंदर था अच्छी बात ये थी की वो बहुत थी पढ़ा लिखा था, उसने M. Tech (Computer science) और M. Tech (Electronics & Communication) एसे दो बार M. Tech किया था। जॉब करते हुए पार्ट टाईम उसने अपना Electronics & Communication मे M. Tech पूरा किया था अमित थोड़ा थोड़ा अनुराग जैसा दिखता था इसलिए कभी कभी रुबीना को उसमे अनुराग दिखाई देता था, उसके चेहरे पर जले हुए का निशान था रुबीना के पूछने पर उसने बताया कि उसके चेहरे पर जलने से दाग आए थे सर्जरी हुई है थोड़े समय में ठीक हो जाएगा , दोनों वीडियो कॉल मे बात करते थे लेकिन मिल नहीं पाते थी क्युकी कभी रुबीना को काम होता था तो कभी अमित को, इसतरह दो महीने बीत गए, एक बार रुबीना ने मिलने की ज़िद कि तो अमित ने हामी भर दी, शनिवार को शाम 5.00 बजे को मुंबई के एक बगीचे में दोनों ने मिलने का प्लान बनाया। रुबीना तैयार हो कर उधर पहुच गई लेकिन अमित नहीं आया था बहुत इन्तेज़ार करने पर भी अमित नहीं आया तो उसने फोन किया तो सामने से नंबर अस्तित्व में नहीं था। रुबीना चौंक उठी कि अचानक नंबर बंध आ रहा था, उस दिन घर पर पूरी रात अमित को फोन किया लेकिन फोन बंध आ रहा था। अमित का फोन फिर कभी नहीं लगा, रुबीना रोती रही भूतकाल में अपने साथ हुए अन्याय को याद करती तो कभी अमित की बाते याद करती, थोड़े समय के बाद उसने ठान लिया कि वो अमित का पता लगा के रहेगी, उसने अपने चाचा को ये बात बताई, उसके चाचा मुंबई ने टेलीफोन डिपार्टमेंट मे थे, ये वो ही थे जिनके फ्लेट मे रुबीना रहती थी,उन्होंने अपनी पहचान से उस नंबर पता लगाने मे बिजी हो गए। उन दिनों रुबीना की क्लासमेट शिल्पा जोकि मुंबई मे ही जॉब करती थी, वो रुबीना की ऑफिस मे किसी काम से आई थी उसने रुबीना का पता था इसलिए वो रुबीना से मिली, शिल्पा का चेहरा आई तब से उतरा हुआ था, दोनों ने कॉफी पुरानी बाते याद की उसमे कहीं अनुराग की बात निकली। रुबीना : मेरी शादी हो गई थी इसलिए मैं अनुराग से कोई रिश्ता रख नहीं पाई। शिल्पा : लेकिन ये तुमने गलत किया था, अपना नंबर बदल दिया, उसे बताया भी नहीं। रुबीना : मैं क्या करती घरवालों ने प्रेशर किया था, लेकिन तुम बताओ तो सही क्या हुआ मेरे जाने के बाद? शिल्पा : अनुराग ने अपने मुह पर एसिड छाँट लिया था उसका मुह जल गया था। रुबीना : हे भगवान!! शिल्पा : उसका चहरा जल गया था इसलिए उसने ऑपरेशन भी करवाया था, और....... रुबीना : और.!!?? क्या और?? बताओ उसके साथ क्या हुआ? शिल्पा की आँख से आंसू बहने लगे। शिल्पा ( जोर से) : और ऑपरेशन के दौरान उसकी मौत हो गई!!!! इतना बोलकर शिल्पा फुट फुट कर रोने लगी, रुबीना थम गई थी उसे विश्वास नहीं हो रहा था। शिल्पा आगे कहती हैं शिल्पा : मैं तुम्हें यहा यही बताने के लिए आई थी, ताकि तुम्हें पता चले कि तुम्हारी इस हरकत के कारण किसीकी मौत हो गई। शिल्पा उठकर वहां से चली गई, रुबीना रोती रही, अचानक उसके फोन की रिंग बजी, उसके चाचा का कॉल था, उसने फोन उठाया चाचा : बेटा वो नंबर का ऑनर मिल गया रुबीना ध्यान से सुन रही थी चाचा : वो नंबर 5 साल से बँध है, तुम्हें कौन कॉल कर रहा था!? रुबीना : अंकल मुजे नहीं पता कि कौन था, कहा से था? मुजे बस उस अमित का पता जानना है!! चाचा : वो नंबर कोई अमित का नहीं था, ब्लकि किसी अनुराग के नाम का था, 5 साल पहले उसकी मौत हो जाने के कारण उनके घरवालों ने नंबर बंध करवा दिया था, तब से नंबर बंद था। रुबीना के पैरों तले की जमीन खिसक गई थी, सामने से रुबीना कुछ बोल नहीं रही थी, चाचा की सिर्फ हैलो हैलो की आवाज आ रही थी। उसने थोड़ी देर के बाद मोबाइल मे चैट चेक किया तो वहा कोई उस नाम का चैट, हिस्ट्री मे था ही नहीं, कहीं पर भी उसे वो चैट नहीं मिला और न ही अमित के भेजे हुए कोई वीडियो या फोटो अपने मोबाईल मे मिले, उसके सामने अमित या अनुराग का विडिओ कॉल मे जला हुआ चेहरा सामने आ रहा था वो तय नहीं कर पा रही थी कि उसने 2 महीने तक किससे बात की?? › अगला प्रकरण वो कौन थे? - 2 - पान Download Our App